बारह मुखी रुद्राक्ष

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बारह मुखी रुद्राक्ष भगवान महाविष्णु का स्वरुप माना गया है | बारह आदित्यों का तेज इस रुद्राक्ष में सम्माहित है इसलिए भगवान सूर्य देव की विशेष कृपा का भी पात्र है यह रुद्राक्ष |

बारह मुखी रुद्राक्ष के लाभ

ह्रदय रोग, उदार रोग व मस्तिष्क से सम्बन्धित रोगों में इस रुद्राक्ष को धारण करने से लाभ हो सकता है ऐसा कई ग्रन्थों में लिखा मिलता है | बारह मुखी रुद्राक्ष को कंठ में या कान के कुण्डल में धारण करने से भगवान विष्णु व सूर्य देव दोनों ही अति प्रसन्न होते हैं | इस रुद्राक्ष को द्वादश आदित्यों की कृपा प्राप्त होने से अश्वमेघ यज्ञ सहित कई यज्ञों का फल प्राप्त होता है | बारह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से तन और मन स्वस्थ होते हैं और एक विशेष प्रकार की शक्ति उत्पन्न होती है | राजनीति व सरकारी क्षेत्रों में काम करने वाले जातकों के लिए बारह मुखी रुद्राक्ष अति उत्तम माना गया है | यह रुद्राक्ष क्षत्रुओं का नाश करके व्याधियों का नाश करके सूर्य आदि ग्रहों के कमज़ोर प्रभाव को नष्ट करके सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति करवाता है इसलिए इस रुद्राक्ष को सभी को धारण करना चाहिए |

बारह मुखी रुद्राक्ष

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बारह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का मंत्र

इस रुद्राक्ष को धारण करने का मंत्र “ॐ क्रोम श्रोम रोम नमः” है | इस मंत्र की तीन माला या “ॐ नमः शिवाय” मंत्र की पांच माला या मृत्युंजय मंत्र की एक माला नित्य प्रति करने से समस्त प्रकार के रोगों से व समस्याओं से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है और लाभान्वित हुआ जा सकता है अतः सभी को भगवान सूर्य और भगवान विष्णु के स्वरुप रूपी बारह मुखी रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए |

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Descriptions for products are taken from scripture, written and oral tradition. Products are not intended to diagnose, treat, cure, or prevent any disease or condition. We make no claim of supernatural effects. All items sold as curios only.

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ग्यारह मुखी रुद्राक्ष

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भगवान शंकर जिनके अक्ष की आंसू से रुद्राक्ष उत्पन्न हुआ है उन्हीं भगवान शिव के ग्यारह रुद्रों का प्रतीक है ग्यारह मुखी रुद्राक्ष | इसके धारक को भगवान शंकर की कृपा पाने के लिए सबसे उत्तम रुद्राक्ष माना गया है |

ग्यारह मुखी रुद्राक्ष के लाभ

महाशिवपुराण के अनुसार इस रुद्राक्ष को शिखा में बांधना चाहिए या गले में धारण करना चाहिए | इसको धारण करने से और इसके ऊपर मन्त्रों के जाप करने से धीरे धीरे अश्व्मेघ यज्ञ का फल भी प्राप्त हो सकता है | व्यापारियों के लिए ग्यारह मुखी रुद्राक्ष अति उत्तम फल प्रदान करने वाला माना गया है | भाग्य वृद्धि और धन सम्पत्ति व् मान सम्मान की प्राप्ति के लिए इसे अवश्य धारण करना चाहिए | साक्षात एकादस रूद्र रूप होने से यह जातक को रोग मुक्त करने में भी सहायक होता है और धार्मिक अनुष्ठान, पूजा पाठ में भी उत्तम फल प्रदान करने वाला होता है | राजनीति, कूटनीति व् हर प्रकार के क्षेत्र में ग्यारह मुखी रुद्राक्ष का धारक सर्वत्र विजय होता है | यह एक सफल एवं उत्तम रुद्राक्ष माना गया है इसलिए हनुमान जी की उपासना करने वाले एवं व्यापार करने वाले हर व्यक्ति को इस रुद्राक्ष को अवश्य धारण करना चाहिए |

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ग्यारह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का मंत्र

इस रुद्राक्ष को धारण करने का मंत्र “ॐ ह्रीं हूं नमः” है | इसको धारण करने के पश्चात नित्य प्रति पांच माला “ॐ नमः शिवाय” या तीन माला ऊपर लिखे हुए मंत्र की या एक माला मृत्युंजय मंत्र की जाप करनी चाहिए ताकि भगवान शिव के ग्यारह रुद्रों सहित मर्यादा पुरषोत्तम प्रभु श्री राम जी के अनन्य भक्त श्री हनुमान जी की भी कृपा प्राप्त की जा सके | पांच मुखी रुद्राक्ष की माला में ग्यारह मुखी रुद्राक्ष को सुमेरु के रूप में लगाकर धारण करना अति उत्तम कहा गया है |

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दस मुखी रुद्राक्ष

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दस मुखी रुद्राक्ष साक्षात रूप से भगवान विष्णु का स्वरुप माना गया है | जन्मपत्री में कोई भी अशुभ ग्रह हो उसके प्रभाव को कम करने के लिए यह रुद्राक्ष अति उत्तम माना गया है |

दस मुखी रुद्राक्ष के लाभ

दस रुद्रों का आशीर्वाद होने के कारण से भूत प्रेत, डाकिनी शाकिनी, पिशाच व् ब्रह्म राक्षस जनित ऊपरी बाधाएं व् जादू टोने को दूर करने में सहायक होता है | क़ानूनी परेशानियों में भी दस मुखी रुद्राक्ष लाभदायक है | विष्णु जी का स्वरुप होने के कारण से धारक के प्रभाव को दसों दिशाओं में फैलता है | तंत्र मंत्र की साधना करने वाले साधकों के लिए यह रुद्राक्ष अति उत्तम माना गया है | इसको धारण करके साधना करने से सिद्धि में सहायता प्राप्त होती है | सर्प आदि के काटने के भय से बचाकर दस मुखी रुद्राक्ष पूर्ण आयु प्राप्त करवाने में सहायक सिद्ध होता है | ग्रह बाधा के कारण जिस जातक का भाग्य उदय ना हो रहा हो उसके लिए भी दस मुखी रुद्राक्ष धारण करना शुभ माना गया है | ग्रन्थों के अनुसार विष्णु जी की कृपा होने के कारण से इसके धारक को दमा, गठिया, शएतिका व् पेट और नेत्रों के रोग में लाभ हो सकता है | असाध्य रोगों से छुटकारा भी मिल सकता है ऐसा कई ग्रन्थों में वर्णित है इसलिए सभी को अपने कल्याण के लिए दस मुखी रुद्राक्ष को सोमवार के दिन शिवलिंग से स्पर्श कराके धारण करना चाहिए |

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दस मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का मंत्र

इस रुद्राक्ष को धारण करने का मंत्र है “ॐ ह्रीं नमः” | इस रुद्राक्ष को धारण करके ऊपर लिखे मंत्र की या “ॐ नमः शिवाय” की पांच माला जाप करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है |

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नौ मुखी रुद्राक्ष

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महाशिवपुराण के अनुसार नौ मुखी रुद्राक्ष माँ भगवती की नौ शक्तियों का प्रतीक माना गया है | कपिलमुनि और भैरोदेव की कृपा भी इस रुद्राक्ष पर मानी गई है |

नौ मुखी रुद्राक्ष के लाभ

इसको धारण करने से धन सम्पत्ति, मान सम्मान, यश, कीर्ति और सभी प्रकार के सुखों की वृद्धि होती है | इस रुद्राक्ष को बाए हाथ में या कंठ में धारण करना चाहिए | यह रुद्राक्ष आखों की दृष्टि के लिए भी उपयोगी माना गया है | माँ भगवती की असीम अनुकम्पा नौ मुखी रुद्राक्ष पर होने से यह कवच का काम करता है और शरीर को मानसिक एवं भौतिक दुखों से बचाता है और धारक की कीर्ति सर्वत्र फैलाता है | नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करने से धीरे धीरे मन शांत हो जाता है और लोगों के कल्याण की कामना करने लगता है | महाशिवपुराण के अनुसार देवी दुर्गा का स्वरुप होने के कारण से विशेष कर महिलाओं के लिए यह रुद्राक्ष अत्यंत उपयोगी है | इसके धारण से इच्छा शक्ति प्रबल होकर कई पापों का नाश होता है | देवी माँ की कृपा इस रुद्राक्ष पर होने से सभी देवताओं की कृपा भी इस रुद्राक्ष के धारक को मिलती है अतः हर पुरुष व् महिला को जो किसी भी रूप में देवी का पूजन करता हो उसे नौ मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए | इसके धारण से मानसिक रोग व् ह्रदय रोग में भी लाभ हो सकता है | इस रुद्राक्ष पर केतु का प्रभाव भी माना गया है | केतु ग्रह का नाम अचानक और अजीब सा फल देने के बारे में जाना जाता है इसलिए इस रुद्राक्ष के धारक को अचानक कई प्रकार के लाभ हो सकते हैं |

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नौ मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का मंत्र

इस रुद्राक्ष को धारण करने का मंत्र है “ॐ ह्रीं हूँ नमः” | देवी की उपासना करने वाले सभी जातकों को नौ मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए |

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आठ मुखी रुद्राक्ष

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भगवान शिव एवं माँ पारवती के प्रिय पुत्र विघनहारक भगवान गणेश जी आठ मुखी रुद्राक्ष के प्रधानदेवता माने गए हैं | आठ मुखी रुद्राक्ष भैरोदेव का स्वरुप माना गया है |

आठ मुखी रुद्राक्ष के लाभ

यह रुद्राक्ष के धारण करने से उच्च पद की प्राप्ति व् मन की एकाग्रता में सुधार होता है | यह रुद्राक्ष ऋद्धि सिद्धि दायक है | जीवन में जितनी भी मुश्किलें और विघन होते हैं उनको दूर करने में आठ मुखी रुद्राक्ष सहायक सिद्ध होता है | जिस प्रकार शास्त्र अनुसार सर्वप्रथम श्री गणेश भगवान की पूजा की जाती है उसी प्रकार इस रुद्राक्ष को भी निसंकोच व् बिना किसी जानकारी के भी धारण कर लेना चाहिए क्योंकि महाशिवपुराण के अनुसार आठ मुखी रुद्राक्ष बुद्धि, ज्ञान, धन, यश और उच्च पद की प्राप्ति में सहायक सिद्ध होता है | जो व्यापारी किसी भी प्रकार से नापतोल में बईमानी करते हैं शास्त्रानुसार वह व्यापारी पाप के भागी बनते हैं और जो व्यक्ति अपने जीवन में पर इस्त्री के संपर्क में रहते हैं वह भी पाप के भागी होते हैं | ग्रंथों के अनुसार एैसे पापियों को भी आठ मुखी रुद्राक्ष के धारण करने से पाप मुक्त होने में सहायता मिलती है | एैसा माना गया है की यह दोनों रुद्राक्षों को धारण करने वाले जातक को मृत्योपरांत शिवलोक की प्राप्ति होती है |

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आठ मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का मंत्र

इसको धारण करने का मंत्र भी “ॐ हूँ नमः” है | जैसा की सात मुखी के विवरण में हमने लिखा है कि आठ मुखी के साथ धारण करना चाहिए उसी प्रकार इस रुद्राक्ष को भी सात मुखी के साथ धारण करना चाहिए क्योंकि माँ लक्ष्मी और गणेश भगवान जी की पूजा साथ में करने का विधान है |

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